जनजाति प्रतिभाएँ
नाम: भूमिका डोडीयार पिता: जितेन्द्र कुमार डोडीयार निवासी: मझरा अगोरिया, तह. सज्जनगढ़, जिला बांसवाड़ा
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NEET UG परीक्षा पास करके आज मैं MBBS IIyr. में अध्ययनरत हूं। यहां तक पहुंचने के सफर में मेरे माता-पिता का भरपूर सहयोग रहा। मेरी माता शिक्षिका है एवं पिता हाडारानी महाविद्यालय सलुम्बर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी है। मैंने अपनी प्राथमिक शिक्षा रा.प्रा.वि. रठौडा में माता की देखरेख में पूरी की, माता ने मेरी नींव मजबूत कर प्रारम्भ से ही पढ़ाई में रूचि बढ़ाई। माध्यमिक शिक्षा मैंने लव-कुश उच्च माध्यमिक विद्यालय सलुम्बर से की वहां शिक्षकों एवं माता-पिता के सहयोग हमेशा बना रहा। माता-पिता, गुरूजन एवं सहपाठियों के सहयोग से मैंने 10 वी कक्षा में 92.33ः अंक प्राप्त किये। परिवारजन एवं रिश्तेदार सभी बहुत खुश थे परन्तु मेरे मन में एक कसक रह गयी कि मैं 3 अंक से मेरिट में वंचित रह गयी। फिर मैंने सोचा कोई बात नहीं असली मकसद पूरा करना जरूरी है जो कि मेरे माता-पिता का सपना है कि मैं प्रशासनिक सेवाएं दूं। ये बात मुझे तब समझ आ गयी थी जब मैं तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। बचपन का प्रशासनिक सेवा में जाने के साथ एक सपना यह भी था कि मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे सिंधियाजी से मिलूं। जो 9 अगस्त 2018 विश्व आदिवासी दिवस को पुरा हुआ। उच्च माध्यमिक शिक्षा मैंने गुरूनानक पब्लिक सी.सै.स्कूल उदयपुर सेक्टर 4 से पूरी की जहां मैंने 12वीं कक्षा में 86.90ः अंक प्राप्त किये। उच्च माध्यमिक शिक्षा मैंने होस्टल में रहकर की, घर से पहली बार दूर रहने पर बुरा तो लगता था पर माता-पिता ने हौंसला बढ़ाकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए जागृत किया। कक्षा 12वीं के बाद मैंने प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और प्रथम प्रयास में छम्म्ज् परीक्षा पास की। उस का कारण यह था कि मैंने निरन्तर अध्ययन किया प्रतिदिन 6-8 घंटे, साथ ही अपने सहपाठियों को भी पढ़ाया और उनसे पढ़ा भी। इसका सबसे अच्छा फायदा यह हुआ कि मेरी हर विषय पर पकड़ मजबूत होती गयी साथ ही आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई। सब अच्छी बुरी परिस्थितियों के बीच में होते हुए मैंने NEET परीक्षा पास की और आज RNT Medical College, Udaipur की द्वितीय वर्ष की छात्रा हूं। अभी असली लक्ष्य बाकी है, IAS बनने का ख्वाब पुरा करना है उसके लिए भी रास्ता कठिन है पर नामुमकिन नहीं। आप सभी छोटे भाई-बहनों को यही संदेश है कि अपनी काबिलियत को कम ना समझकर एक लक्ष्य निर्धारित करों और राह में आने वाली सभी रूकावटों, बाधाओं को लांघकर अपना लक्ष्य प्राप्त करो। मेरा वृतांत आपको अपना जीवन कामयाब बनाने में जरूर मददगार होगा, मैं ऐसी आशा करती हूं। साथ ही जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की आभारी रहूंगी कि उन्होंने मुझे अपनी लक्ष्य प्राप्ति की यात्रा आपसे साझा करने का मौका दिया।
नाम: सुश्री अवनि बामनिया पिता: श्री पी.एल. बामनिया निवासी: घाटोल, जिला बांसवाड़ा (राजस्थान)
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मैंने प्रारम्भिक शिक्षा कक्षा 1 से 8वीं तक का अध्ययन सेंटपाॅल स्कूल, बांसवाड़ा तथा कक्षा 9 से 12वीं तक का अध्ययन सेंट मेरी स्कूल, उदयपुर से किया। कक्षा 12वीं की परीक्षा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जीवविज्ञान एवं गणित विषय में 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित कर उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् उच्च अध्ययन के लिये दिल्ली के लेडी श्री राम काॅलेज से कला में स्नातक (B.A.) उपाधि प्राप्त की। तत्पश्चात् जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नईदिल्ली से राजनीति शास्त्र में अधिस्नातक एवं M.Phil भी किया। मेरा ध्येय प्रशासनिक सेवा में जाने का होने से मैंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी दिल्ली में रहकर की। मेरा द्वारा राजस्थान प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा दी गयी। इसी दौरान मेरा चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हो गया, लेकिन मुख्य लक्ष्य आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस को जोईन करना था।अतः अन्त में तीसरे प्रयास में आई.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस प्रतियोगी परीक्षा में वर्ष 2019 में चयनित हुई। इस प्रकार मैंने अपने लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध होकर पूर्ण लगन एवं मेहनत से उपलब्धि हासिल की।
नाम:कुनाल डामोर (एम.बी.बी.एस) पिता:श्री लक्ष्मणलाल जी डामोर निवासी:बड़ला, तहसील खेरवाड़ा, जिला उदयपुर (राज.)
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MBBS RNT Medical College, Udaipur का द्वितीय वर्ष का छात्र हूं। सबसे पहले मेरे इस लक्ष्य प्राप्ति का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजन को जाता है। आज उनके सहयोग के बिना मैं यह लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता। पढ़ाई में मेरा मन बिल्कुल भी नही लगता था। लेकिन जैसे-जैसे पढ़ाई का महत्त्व एवं भविष्य का स्थायित्व का ज्ञान हुआ वैसे-वैसे मेरी पढ़ाई में रूची भी बढ़ने लगी। प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षाएं मैंने अभिनन्दन उच्च माध्यमिक विधालय, खेरवाड़ा से पूरी की । कक्षा 10वीं में 87.55 प्रतिशत अकों के साथ उत्तीर्ण की, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति अभी भी नही हुई थी । मुझे मेरे पिताजी द्वारा कक्षा 11वीं में एक निजी कोचिंग सेन्टर, उदयपुर में प्रवेश दिलाया गया। प्रवेश के बाद प्रारम्भ के कुछ दिनों में यहाँ की पढाई की योजनाएं (गु्रप स्टडी, स्मार्ट स्टडी और हाॅर्ड वर्किंग) समझ में आ गई। यहाँ की आंतरिक प्रतियोगिताओं ने पढ़ाई मेरी रूची और बढ़ा दी। यहाँ पर माईनर और मेजर टेस्ट से मेरे ज्ञान में अभिवृद्धि हुई, पढाई का स्तर बढ़ा। कक्षा में 131वीं रेंक से 4 रेंक तक स्थान पाया। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढ़ाई कर NEET (U.G.) MBBS- 2018 की परीक्षा पास कर मेरा आर.एन.टी. मेडिकल काॅलेज, उदयपुर में प्रवेश हुआ जहां पर मैं अध्ययनरत हूँ।
नाम:नरेश निनामा (एम.बी.बी.एस) पिता:श्री बापूलाल निनामा निवासी:घाटोल-बांसवाड़ा (राज.)
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सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल, घाटोल-बांसवाड़ा में कक्षा 10 वीं में प्रवेश लेकर 53 प्रतिशत से उत्तीर्ण की । फिर भी मेरे माता-पिता के सपनो के आधार पर 11वीं विज्ञान वर्ग में प्रवेश लिया। नियमित रूप से अध्ययन-अध्यापन करता रहा। अतिरिक्त कक्षाओं के संचालन से कक्षा 12 वीं में 64 प्रतिशत अंक अर्जित किए। मैं संस्था परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूँ । मेरे पिताजी ने नीट एमबीबीएस-2018 परीक्षा की तैयारी हेतु उदयपुर के एक निजी कोचिंग सेन्टर, मे में प्रवेश दिलाया । अध्यापकों के मार्गदर्शन अनुसार नियमित अध्ययन किया और कभी डिप्रेशन आने पर उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने सही तरीके से मोटिवेशन किया तथा उस मोटिवेशन के आधार पर पढाई की, उन्होंने कठिन विषय-वस्तु को समझाया। आंतरिक टेस्ट में हमेशा तैयारी कर परीक्षा देता था। वर्ष 2018 में नीट यू.जी. एम.बी.बी.एस. परीक्षा पास की मुझे आर.एन.टी. मेडिकल काॅलेज, उदयपुर में प्रवेश मिला। मेरे माता-पिता के आशीर्वाद से उनका सपना साकार हुआ।