स्वास्थ्य कर्मी योजना
जनजाति क्षेत्र मे स्वच्छ द्वारा स्वास्थ्यकर्मी योजना वर्ष 1996-97 से क्रियान्वित कि जा रही है। इन स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ग्रामवासियों का प्राथमिक उपचार एवं अन्य सामान्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निराकरण करने में सहयोग कर रोगी को निजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर उपचार दिलवाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाॅव में संचालित मातृ कल्याण सेवाऐं, गर्भवती महिला एवं षिषु टीकाकरण कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मी द्वारा सहयोग के रूप में ग्रामवासियों की जानकारी रखते हुए समय≤ पर गर्भवती महिला एवं षिषु टीकाकरण करवाया जा रहा तथा गर्भवती महिला को अतिरिक्त पोशाहार/पोश्टिक आहार लेने हेतु प्रोत्साहित/जानकारी दी जाकर आहार की सुनिष्चिता की जा रही है। इस हेतु वर्तमान में यूनिसेफ के माध्यम से स्वच्छ परियोजना द्वारा मातृ एवं षिषु पोशण कार्यक्रम का भी स्वीकृती अनुरूप संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण महिला एवं षिषुओ को लाभान्वित किया जा रहा है।
स्वास्थ्यकर्मी द्वारा गांवो में निवासरत किषोरी बालिकाओं एवं धात्री माताओं के खान-पान/पोश्टिक आहार लिया जावे की जानकारी रखी जाती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मी द्वारा गावो में 0 से 5 वर्श के कुपोशित बालक/बालिकाओं को चिन्हित कर आंगनवाड़ी केन्द्र/नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर लाभान्वित किया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ग्रामवासियों को परिवार कल्याण सेवाओं में सहयोग/जानकारी देते हुए योग्य दम्पती से सम्पर्क, नसबन्दी, काॅपरटी आदि हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
संभावित क्षय रोगी की पहचान कर उसे प्रारम्भिक जाॅच हेतु स्वास्थ्य केन्द्र ले जा कर बलगम एवं आवष्यकता अनुसार जाचें करवायी जाती है एवं क्षय रोग से प्रामाणित पाये जाने पर उसका डाॅटस पद्वति से उपचार प्रारम्भ करवाया जाकर रोगी को स्वास्थ्यकर्मी द्वारा अपनी देखरेख में नियमित समय पर दवा दी जाती है। नियमित उपचार के दौरान समय पर रोगी का फोलोअप कर जांच करवायी जाती है।
संभावित क्षय रोगियों की जाचं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक के द्वारा की जाती है तथा डाॅट्स पद्धति से उपलब्ध कराई गई दवा स्वास्थ्यकर्मी द्वारा रोगी को अपनी उपस्थिति में दी जाती है। दवा के अतिरिक्त प्रत्येक क्षय रोगी को उपचार अवधि में पोष्टिक आहार के रूप में 3 कि.ग्रा. सत्तु प्रतिमाह दिया जाता है।
स्वच्छ परियोजना द्वारा मार्च 2015 तक उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, बाॅसवाडा, प्रतापगढ में कुल 4310 गाॅवों में संचालित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में कुल 50,370 रोगियों का उपचार पूर्ण किया गया तथा बारां जिले में 6504 रोगियों का उपचार पूर्ण किया गया। इस प्रकार स्वच्छ परियोजना द्वारा इस योजना के अन्तर्गत मार्च 2015 तक कुल 56,874 रोगियों का उपचार पूर्ण किया गया।
वर्श 2014-15 में स्वास्थ्य सहायोगिनियों के रूप में जनजाति/सहरिया क्षेत्र में पूर्व में संचालित 930 गांवों के अतिरिक्त 3500 गांवों को योजना से जोडा गया है। इस प्रकार वर्तमान में जनजाति क्षेत्र के कुल 4430 गांवों में योजना का संचालन किया जा रहा है। जिनमें उदयपुर जिले के 1370, डूंगरपुर 840, बांसवाडा 1567, प्रतापगढ़ 563, सिरोही (आबूरोड़) 70 एवं सहारिया क्षेत्र बारां (षाहबाद) 400 गांवो को सम्मिलित किया गया है। स्वास्थ्यकर्मी को योजना अनुरूप् निर्धारित मासिक मानदेय के रूप में रू 1600 प्रतिमाह 250 यात्रा भत्ता के रूप में किये जा रहे है।